चीन-पाक की नई जुगलबंदी: भारत के समक्ष चुनौती, बांग्लादेश पर नज़र

पाकिस्तान-चीन गठबंधन की छवि धूमिल हो गई है।
पाकिस्तान की सैन्य हार में चीनी प्रौद्योगिकी और वायु रक्षा प्रणालियों की विफलता स्पष्ट रूप से उजागर हो गई। भारतीय वायु सेना ने चीन निर्मित रडार प्रणालियों को मार गिराया और पाकिस्तान को असहाय बना दिया। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि चीन को भी शर्म आनी चाहिए। अब ये दोनों देश नई दिशा में भारत के खिलाफ अभियान शुरू कर रहे हैं, जिसमें बांग्लादेश का इस्तेमाल करने की साजिश रची जा रही है।

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बांग्लादेश में युनुस द्वारा बनाया जा रहा समीकरण
शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने चीन और पाकिस्तान के दबाव का विरोध किया, लेकिन मोहम्मद यूनुस की वर्तमान अंतरिम सरकार इस्लामी कट्टरवाद की लहर के आगे झुकती दिख रही है। मार्च में यूनुस ने बांग्लादेश को पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार बताया था और यह भी संकेत दिया था कि यह चीन के लिए व्यापार का अवसर है। विश्लेषकों के अनुसार, यूनुस का बयान चीनी प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों की शुरुआत है, जिसमें पाकिस्तान सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

आईएसआई की गुप्त साजिश और सैन्य नेतृत्व बदलने का प्रयास
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान को हटाने की साजिश रच रही है, क्योंकि वह चीन-पाकिस्तान योजना का विरोध कर रहे हैं। जनरल ज़मान को सेना के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है, इसलिए यह आईएसआई के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। इस संबंध में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों और पाकिस्तान के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल वी.पी. सिंह ने कहा कि जनरल आसिम मलिक ने ढाका का गुप्त दौरा किया था। सीएनएन-न्यूज 18 ने खबर दी है कि जनरल आसिम मलिक ने ढाका का गुप्त दौरा किया था।

चीनी आर्थिक नाकेबंदी और व्यापार अभियान भी सक्रिय हैं
चीन बांग्लादेश में भारत के आर्थिक प्रभुत्व को कम करने का प्रयास कर रहा है। चीन कपड़ा, मशीनरी और अन्य उत्पादों पर भारी छूट देकर बांग्लादेश के बाजार में प्रवेश कर रहा है। पाकिस्तान इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान आईएसआई के माध्यम से बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों जैसे हिफाजत-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, जो भारत विरोधी माहौल बना रहे हैं।

पूर्वोत्तर भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश
आईएसआई पूर्वी भारत, विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोही समूहों को पुनः सक्रिय करने का प्रयास कर रही है। बांग्लादेशी प्रशासन का एक वर्ग इस योजना का समर्थन कर रहा है। हाल ही में त्रिपुरा और असम में हथियारों की जब्ती से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान से भारतीय धरती में अवैध घुसपैठ और हथियारों की आपूर्ति जारी है।

भारत तैयार, सतर्क और दृढ़ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अब आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों को एक समान माना जाएगा। भारत के सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां ​​पूर्वी सीमा पर अधिक सतर्क हो गई हैं तथा बांग्लादेश से आने वाली हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही हैं।

चीन और पाकिस्तान का भारत विरोधी गठबंधन
चीन और पाकिस्तान अपने भारत विरोधी गठबंधन को मजबूत करने की कगार पर हैं तथा इस योजना में बांग्लादेश को भी शामिल करने के लिए गंभीर प्रयास चल रहे हैं। लेकिन भारत अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में बुद्धिमानी और शक्तिशाली तरीके से जवाब दे रहा है। यह समय भारत के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों रूप से सतर्क रहने का है, ताकि पूर्व से होने वाले किसी भी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

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